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हृदय रोग और हाई बीपी से जूझ रहे हैं तो वीगन डाइट से इसे कंट्रोल करें; दुनियाभर में बढ़ा इस डाइट से वेट लॉस करने का ट्रेंड


इन दिनों दुनियाभर में वीगन डाइट का ट्रेंड है । भारत में भी कई लोग वीगन डाइट का समर्थन कर रहे हैं। यह एक तरह की वेजिटेरियन डाइट ही नहीं है, बल्कि उससे भी एक कदम आगे है। वीगन डाइट में मांस, अंडे के साथ डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, घी, मावा, पनीर भी डाइट चार्ट से बाहर रहता है।

इस डाइट में केवल अनाज, सब्जियां, फल, फलियां और ड्राय फ्रूट्स जैसी चीजें ही खाई जा सकती हैं। देश में न्यूट्रीशन वीक (1-7 सितंबर) सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस साल की थीम है ईट-राइट। न्यूट्रीशन वीक के छहे दिन डाइट एंड वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. शिखा शर्मा बता रही हैं वेगन डाइट के बारे में वो बातें जो आपके लिए जानना जरूरी हैं...

वीगन डाइट, सेहत के लिए अच्छी या बुरी?

वीगन डाइट के संबंध में यह सवाल अक्सर उठता है कि इसे फॉलो करने वालों को पूरा पोषण कहां से मिल पाता है, खासकर कैल्शियम और प्रोटीन की कमी कैसे पूरी करते हैं? वीगन डाइट लेने वाले लोग प्रोटीन के लिए सोया, टोफू, सोया मिल्क, दालों, पीनट बटर, बादाम आदि पर निर्भर रहते हैं। इन्हें कैल्शियम हरी पत्तेदार सब्जियों, टोफू और रागी के आटे से मिलता है।

हर डाइट के अपने फायदे और नुकसान हैं। यही बात वीगन डाइट के साथ भी है। जानते हैं कि इन दिनों कई एक्सपर्ट इसकी पैरवी क्यों कर रहे हैं...

हेल्दी बनता है दिल

कई स्टडीज में साबित हुआ है कि वीगन डाइट से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है क्योंकि अधिकांश फैट हेल्दी सोर्स जैसे नारियल, फलियों, एवोकैडो आदि से हासिल होता है। एनिमल और डेयरी प्रोडक्ट से मिलने वाला अधिकांश फैट बैड कोलेस्ट्रॉल बनाता है। इसलिए वीगन डाइट को फॉलो करने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल से बचे रहते हैं और इस तरह उनका दिल भी हेल्दी बना रहता है।

बीपी का खतरा कम

वीगन डाइट पर हुई कई रिसर्च बताती हैं कि इस डाइट को फॉलो करने वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होने से ब्लड प्रेशर की समस्या भी कम होती है। साथ ही टाइप-2 डायबिटीज और किडनी के मरीजों के लिए भी इस डाइट को बेहतर माना जाता है।

वजन घटाने में असरदार

वजन कम करने के लिए वीगन डाइट को फॉलो करना एक अच्छा विकल्प है। जब आप वीगन डाइट फॉलो करते हैं तो आपको ऐसे कई फूड अपनी लाइफस्टाइल से हटाने पड़ते हैं जो वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जैसे प्रोसेस्ड फूड, हाई-फैट डेयरी प्रोडक्ट, हाई-फैट प्रोटीन आदि।

कैंसर से बचाव

वीगन डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अन्य तमाम डाइट की तुलना में कहीं ज्यादा होती है। एंटीऑक्सीडेंट्स गलत खानपान और पर्यावरण में प्रदूषण के कारण शरीर में पैदा होने वाले फ्री-रेडिकल्स से हमारी सेल्स की रक्षा करते हैं। इससे वीगन डाइट अपनाने वालों में प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर जैसे कई तरह के कैंसर होने की आशंका अपेक्षाकृत कम होती है।

वीगन डाइट का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर इसे प्रॉपरली फॉलो नहीं किया गया तो इससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलने में दिक्कत हो सकती है। खासकर इससे शरीर को उतना कैल्शियम नहीं मिल पाता, जितना कि जरूरी होता है। चूंकि इस डाइट में एनिमल बेस्ड फूड का सेवन प्रतिबंधित होता है। ऐसे में शरीर को विटामिन बी 12 और विटामिन डी भी बहुत कम मिल पाते हैं। वीगन डाइट को फॉलो करने वालों में आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कमी पाई जाती है।



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